WISH.....
धूप ने गले लगाया, जब जब छाओ से पनाहे मांगी, लूं के कांटे चुभे,जब फिज़ा से ठंडी हवाएं मांगी, तू मिला मोहब्बत के नाम पे कुछ यूं मुझे, जैसे खुदा से दुआ में मैंने सजाएं मांगी। मैंने सुनी थीं बचपन में एक कहानी, एक था राजा, एक थी रानी, बचपन बीत गया, यादें बन कर रेहगी, ना फिर मिली वो कागज़ की कश्ती न वो बारिश का पानी,बचपन में ही जी थी दिल से जिंदगानी, अब तो जिमेदारिया ही रेहगी है निभानी। ज़ेहन में बहुत कुछ है पर मैं लिखती नहीं, तेरे सिवा इन आंखों में कोई और तस्वीर टिकती नहीं, तुझसे ये दुनिया मेरी, तेरे बिन कोई खुशी मुझे दिखती नहीं, ज़माना लाख दौलत बटोर ले, पर यकीन मानिए जनाब, सच्ची मोहब्बत आज भी बिकती नही। वो कुछ अधूरे ख्वाब मेरे, जिन्हें मुझे पूरा करना था, आज वही मुझसे पूछ रहे क्या जो कर रहे हों वहीं करना था। झूट्ठी मुस्कान चेहरे पे लपेट हर पल दिल ही दिल आहे भरना था.....! - दीप्ति गुप्ता