ना पिछे मुड़ना हैं.....

 ना पिछे मुड़ना हैं

ना आगे झुकना हैं

वक्त के पहिए को देख

वक्त के साथ चलना हैं।


आसमां में ना उड़ना मुझे

नीचे गिरने का डर है

ज़मीं पें ही रहकर बस्स! नाम कमाना है

ऐसा कुछ कर जाना हैं मुझे।


मुश्किलों को हार मान

ना वहीं रूकना हैं मुझे

कोशिशें तो करती रहूंगी

जब तक मंजिल ना मिल जाए मुझे।


कदम ना रूकने दूं

जीत ना मिल जाए जब तक

गिरने पर उठ जाना हैं

हर हार को जीत मे बदलना हैं मुझे।


जिंदगी के कुछ लम्हें में

जिंदगी को जीना हैं

खुशी से यह जी सकूं

ऐसा कुछ कर जाना हैं मुझे।

                  - रविना रघुनाथ रिकामे



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